एक लड़की जो बचपन से गोलू-मोलू और सबकी दुलारी रही। लोग प्यार से उसके गाल खींचते। जो कभी एक जगह बैठती नहीं थी, कभी किसी के पास तो कभी किसी के घर। स्वभाव से इतनी चंचल की तितली के साथ मेरी तुलना होती। जितनी रंग-बिरंगी और खुशहाल तितली उतनी मैं। लेकिन 14 साल की उम्र में ऐसा हादसा हुआ कि जिंदगी काली स्याही बन गई, जो मेरे शरीर और मन पर ऐसी चिपकी कि उसे आजतक छुटाने की कोशिशें कर रही हूं। ये शब्द हैं 23 साल की सोशल एक्टिविस्ट और आंत्रप्रेन्योर रेवती रंजन के। एमबीए की स्टूडेंट और रांची में पली बढ़ीं रेवती से बातचीत में कहती हैं, ‘मैं अपने परिवार के साथ मेघालय के चेरापूंजी में घूमने गई थी। मम्मी पापा भाई-बहन और हमारे रिलेटिव्स सब गुफाओं में घूम रहे थे। दो लड़के मुझे बहुत देर से घूर रहे थे। घूमते-घूमते मैं थोड़ा पीछे रह गई इतने में वो दोनों लड़के आए और मुझे पीछे खींचकर ले गए। ले जाते ही मेरा सिर पत्थर पर पटक दिया। सिर पटकने की वजह से मेरी बॉडी शिथिल हो गई। मैं हिल ही नहीं पा रही थी। मैं दिमाग में चीख रही थी। पर बाहर कोई आवाज नहीं निकल रही थी। उन्होंने मेरे साथ बहुत गंदे तरीके से सेक्सुअल मोलेस्टेशन किया। इतने में आसपास से हल्का शोर आया तो उन लड़कों ने भागना चाहा और मेरे राइट हैंड में थोड़ी सी हरकत हुई तो मैंने एक लड़के के गले को पकड़ने की कोशिश की। गर्दन तक हाथ गया और उसकी गर्दन पर खरोंच ही मार पाई, इतने में वे वहां से भाग गए।
मेरे साथ क्या हुआ, कुछ समझ नहीं आया…
मेरे हाथ में खून था। जिसे देखकर मैं घबरा गई और गुफा में वहीं पास में पानी गिर रहा था जहां जाकर हाथ साफ किया। कपड़े ठीक किए और आगे चल दी। इतने में मम्मी पापा ने मुझे ढूंढ़ लिया और मां ने जब मेरे बिखरे बाल, बेतरतीब कपड़े और चेहरे को देखा तो पूछा कि क्या हुआ रेवती? मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया। बस यही कहा, कुछ लड़कों ने परेशान किया था। इसके बाद मैं वहां से चलने की रटने लगाने लगी। मुझे उस जगह पर एक पल के लिए नहीं रुकना था।
मुझे मेरी ही गलती लग रही थी
मां को नहीं बताया कि मेरे साथ क्या हुआ, क्योंकि मुझे लग रहा था कि मैंने ही गलत किया है। स्कूल में बहुत मोटी थी, जब वजन कम किया तो बहुत लड़के मेरे प्रति आकर्षित होने लगे। वजन कम किया था क्योंकि डॉक्टर्स ने कहा था कि इससे ज्यादा वजन बढ़ गया तो मैं तमाम बीमारियों की चपेट में आ जाउंगी। इसलिए मुझे लगा कि मेरे साथ ये सेक्सुअल मोलेस्टेशन हुआ है वो मेरे वजन कम होने की वजह से और मेरी सुंदरता के कारण हुआ है। 14 साल की उम्र में इससे ज्यादा मैं और क्या सोच सकती थी। इस हादसे के बाद मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हुआ। मैं रोई भी नहीं।
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