विधायक वड़िंग के साले डंपी पर खुदकुशी को उकसाने का केस,फरीदकोट में ठेकेदार का बच्चों समेत खुदकुशी मामला
ठेकेदार करण कटारिया उर्फ आशु के पत्नी शीनम और दो छोटे बच्चों को गोली मारने के बाद खुदकुशी करने के मामले में पुलिस ने कांग्रेस के विधायक राजा वड़िंग के साले मुक्तसर निवासी डंपी विनायक के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने थाना प्रभारी गुरविंदर सिंह के बयानों के आधार पर बच्चों की हत्या करने व पत्नी की जान लेने के इरादे से गोली मारकर घायल करने के आरोप में मृत करण कटारिया पर हत्या (302), हत्या का प्रयास (307) और आर्म्स एक्ट की धाराओं 25, 54 व 59 के तहता मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने यह केस आशु के सुसाइड नोट और उसके भाई अंकित कटारिया के बयान के आधार पर दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक तथ्यों की सत्यतता की जांच की जा रही है। उसके बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। अंकित के मुताबिक, उसकी व भाई करण कटारिया की साझा फर्मों बाबा फरीद इंजीनियरिंग कंपनी व बालाजी कोऑपरेटिव के पास ट्रक यूनियन गिद्दड़बाहा की फसल लिफ्टिंग व बिजली संबंधी ठेके थे। वड़िंग का साला होने के कारण डंपी विनायक का उनके सभी कामों में सीधा दखल था। आरोप है, डंपी ने पिछले और इस सीजन के दौरान उनसे 1 करोड़ 22 लाख रुपए नकद लिए। वह करण के बिजली के काम में भी जबरन वसूली कर रहा था और दावा करता था कि इन पैसों में विधायक वड़िंग का भी हिस्सा है।
भाई ने कहा-उस रात डंपी फोन कर बोला- पैसे तो वापस नहीं मिलेंगे
अंकित कटारिया ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि डंपी ने विधायक से ही आशु का विवाद करवा दिया। जब करण ने डंपी से पैसे वापस मांगे तो उसने इनकार करते हुए साफ कह दिया – पैसे तो वापस नहीं मिलेंगे, तू चाहे तो खुदकुशी कर ले। घटना वाली रात भी डंपी ने फोन कर करण को परेशान किया था। सुसाइड नोट में बताए शपथपत्र में करण ने अपनी सारी चल-अचल जायदाद का मालिक अपने छोटे भाई अंकित को घोषित किया और लेन-देन की सारी जानकारी दी है।
रिवाॅल्वर, 2 गोलियां बरामद, तीसरी गोली शीनम की गर्दन में फंसी
उनके अनुसार, पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल पॉइंट 32 बोर का रिवाॅल्वर व दोनों बच्चों के सिर के आरपार हुईं दो गोलियां भी बरामद कर ली हैं। करण के सिर में लगी गोली पोस्टमार्टम के बाद निकाली गई। घायल शीनम के जबड़े में लगी गोली उसकी गर्दन की हड्डी में जाकर फंस गई है, जिसे अभी तक नहीं निकाला जा सका है।
एक साथ जलीं तीन चिताएं –देर शाम फरीदकोट के श्मशानघाट में तीनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान तीनों चिताओं को मुखाग्नि अंकित कटारिया ने दी।