आयुष्मान भारत योजना घोटाले में कार्रवाई:
जालंधर रेंज की विजिलेंस ब्यूरो टीम ने मामले में संदिग्ध जालंधर के प्राइवेट अस्पतालों में छापा मारा। वहां से योजना के दौरान मरीजों के इलाज का रिकॉर्ड विजिलेंस लेकर आई। वहीं, अस्पताल प्रबंधकों को बकाया रिकॉर्ड भी पेश करने के लिए कहा गया है। कार्रवाई को गुपचुप तरीके से अंजाम दिया गया। फिलहाल, मुद्दे पर विजिलेंस के अफसर भी खुलकर कुछ नहीं कह रहे।
जालंधर के 7 अस्पतालों में घपलेबाजी
विजिलेंस ब्यूरो के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना में सबसे ज्यादा घपला जालंधर में ही हुआ है। यहां 7 अस्पताल घोटाले को लेकर विजिलेंस की रडार पर हैं। इन्हीं में से कुछ अस्पतालों में विजिलेंस की टीम ने दबिश दी। शुरूआती जांच में पता चला है कि मरीजों का इलाज व ऑपरेशन किए बगैर ही इन अस्पतालों ने करोड़ों के क्लेम डकार लिए।
करोड़ों के क्लेम देख कंपनी को हुआ शक तो सरकार तक पहुंची शिकायत
मामले में अभी तक 10 अस्पतालों में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। जिनमें जालंधर के अलावा कपूरथला व होशियारपुर के भी अस्पताल शामिल हैं। आयुष्मान योजना में 5 लाख के कैशलेस इलाज की सुविधा है। इसी का फायदा उठाकर नामी अस्पतालों ने करोड़ों के क्लेम लिए। वहीं से शक हुआ। इसकी शिकायत सरकार तक पहुंची। इसके बाद जालंधर रेंज के विजिलेंस SSP दलजिंदर सिंह ढिल्लो की अगुवाई में ही इस मामले की शुरूआती जांच की गई। जिसके बाद इस घपले से पर्दा उठा। अब आगे की कार्रवाई से पहले विजिलेंस सबूत जुटाने में लगी है।
77 प्राइवेट व 33 सरकारी अस्पतालों को है मंजूरी, सब जांच के दायरे में
आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक के कैशलेस इलाज के लिए पंजाब के 77 प्राइवेट व 33 सरकारी अस्पतालों को मंजूरी दी गई है। सभी के रिकॉर्ड की जांच के लिए विजिलेंस की तरफ से जिलावाइज 27 टीमें बनाई गई हैं। यह टीमें उन सभी अस्पतालों का रिकॉर्ड खंगालेंगी, जहां आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज कर क्लेम हासिल किया गया।