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जालंधर में सेना भर्ती गैंग का पर्दाफाश:

जालंधर में सेना भर्ती गैंग का पर्दाफाश:

जालधर रूरल पुलिस के CIA स्टाफ टू ने पैसे लेकर लिखित टेस्ट पास करवा सेना में भर्ती करवाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। ठगी के लिए युवाओं की तलाश में घूम रहे गैंग के एक मेंबर को करतारपुर से गुरुवार रात को पकड़ लिया गया। अभी गैंग का सरगना फरार है, जिसकी तलाश में गिरफ्तार मेंबर से मिली ठिकानों की जानकारी के आधार पर रेड की जा रही है। फिलहाल पुलिस ने गैंग के सरगना व उसके साथी के खिलाफ IPC की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120B के तहत केस दर्ज कर लिया है।

स्विफ्ट कार में घूमता पकड़ा गया

जालंधर रूरल पुलिस के CIA स्टाफ टू के ASI परविंदर सिंह की टीम गुरुवार रात करीब सवा 9 बजे सिनेमा मोड़ करतारपुर में चेकिंग कर रही थी। वहां सूचना मिली थी कि अमृतसर के थाना घरिंडा के गांव चीचा के रहने वाले संदीप सिंह उर्फ भोलू और अमृतसर के गांव मालोवाल भकना कलां के हरगोबिंद ने गैंग बना रखा है। यह गैंग सेना में लिखित टेस्ट पास करवाने का झांसा देकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। गुरुवार रात को भी संदीप सिंह ऐसे ही ग्राहकों की तलाश में करतारपुर में स्विफ्ट कार नंबर PB02CZ0012 में करतारपुर में घूम रहा है। CIA की टीम ने ASI परविंदर सिंह की अगुवाई में नाकाबंदी कर स्विफ्ट कार में घूम रहे संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

एक भर्ती के बदले 2 से 3 लाख रुपए लेता था गैंग

संदीप उर्फ भोलू से CIA स्टाफ में हुई पूछताछ में उसने बताया कि उनका गैंग लिखित टेस्ट पास करवाने के लिए 2 से 3 लाख रुपए लेता है। जो युवक जितना पैसा दे सकता है, उससे उतना ले लेते हैं, लेकिन यह रकम 2 लाख से कम नहीं होती।

3 युवकों को भर्ती कराने का दावा

संदीप भोलू ने पुलिस पूछताछ में दावा किया कि उन्होंने 3 युवकों को इसी तरह सेना में भर्ती करवाया है। यह भर्ती साल 2019 में हुई थी। इसके लिए उन्होंने हर युवक से 2.20 लाख यानी कुल 6.60 लाख रुपए लिए थे। हालांकि यह भर्ती कहां हुई थी, इसके बारे में उसने जानकारी होने से इन्कार कर दिया।

हरगोबिंद की आगे सेटिंग, गैंग का सरगना भी वही

संदीप भाेलू ने कहा कि वह सिर्फ शिकार की तलाश करता है यानी ऐसे युवकों को ढूंढता है जो सेना में भर्ती होना चाहते हैं। फिर उनसे मिलकर सौदेबाजी करता है और लिखित टेस्ट पास करवाने के लिए पैसे लेता है। आगे का सारा काम हरगोबिंद ही करता है। आगे उसे काैन जानता है? कैसे भर्ती होती थी और इस खेल में और कौन-कौन शामिल है? यह भी हरगोबिंद को ही पता है। CIA की शुरूआती जांच में पता चला कि हरगोबिंद ही इस गैंग का सरगना है। जिसकी गिरफ्तारी के बाद ही सेना भर्ती के इस गैंग में छुपे तमाम चेहरे उजागर होंगे।