धन्वंतरी अवॉर्ड के वितरण में भाई भतीजावाद और पक्षपात की बल्ले-बल्ले, जालंधर में कल खुलेआम बंटेंगी अवार्डों की रेवडिय़ां
जालंधर (ब्यूरो): पंजाब सरकार द्वारा धन्वंतरि अवार्ड के लिए नामों की घोषणा कर दी गई है। इस अवॉर्ड लिस्ट के कुछ नामों पर सवाल उठने लगे हैं। ये अवॉर्ड 19 मार्च को जालंधर के दयानंद आयुर्वेदिक कालेज में प्रदान किए जाएंगे। लिस्ट पर सवाल उठाने वालों का कहना है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा को प्रमोट करने के लिए दिए जाने वाले इन अवार्डों के वितरण समारोह में पंजाब के मंत्री के अलावा पद्मभूषण विजेता और अन्य विभिन्न विभिन्न उच्च स्तर के लोग शामिल हो रहे हैं लेकिन कुछ ऐसे लोगों का नाम लिस्ट में है जिन्हें आयुर्वेद का अ तक नहीं पता। कई ऐसे डॉक्टरों को अवार्ड दिया जा रहा है जोकि कई स्थानों पर टीचिंग करते हैं न कि इलाज। अब भला कोई इनसे इलाज तो करवाओ फिर पता चले कि इन्हें कितना आयुर्वेद का वास्तविक ज्ञान है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि कथित रूप से जो टीम अवार्ड देने के लिए नियुक्त की गई है उसमें एक ऐसे जालंधर के डॉक्टर का भी नाम है जो है तो बीएएमएस डिग्री लेकिन आज तक उसके द्वारा आयुर्वेदिक प्रमोट करने के लिए कोई भी ऐसा योगदान नहीं दिया कि पंजाब सरकार द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाए। इस संबंध में जब बोर्ड की कमेटी के चेयरमैन से बात की तो उन्होंने स्पष्ट लफ्ज़ों में कहा कि कैसे उन्हें एक मंत्री की सिफारिश से अवार्ड दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तर पर बैठे चयनकर्ता द्वारा अपने सगे संबंधी को भी अवार्ड दिया जा रहा है जो चर्चा का विषय बना हुआ है। यही नहीं इनको 3000000 रुपए की एक कंपनी ने स्पॉन्सरशिप दी है कि ऐसे कार्यक्रम को बढ़ोतरी देनी चाहिए। परंतु इस 3 दिन के समागम में जो अंदर स्टाल लगाए जा रहे हैं वह 50 के लगभग हैं उनसे एक स्टॉल के ₹15000 वसूले जा रहे हैं। इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया यह सरकार के फंड में राशि जाती है और इनको 50 प्रतिशत रिफंड बाद में सरकार द्वारा कर दिया जाएगा ऐसे ही कई सवाल खड़ा करता है।