कोरोना के 381 नए संक्रमित आने के बाद कुल गिनती 37106 तक पहुंच गई है, जबकि 6 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अब तक कुल 1020 मरीज दम तोड़ चुके हैं। इसी महीने की बात करें तो अब तक 55 फीसदी संक्रमित 25 से 46 साल के बीच के हैं। इनमें अधिकतर सैंपल देन के बाद घर पर नहीं टिक रहे, जिस कारण बाहर और परिवार तक संक्रमण फैला रहे हैं।यह दावा संक्रमित मरीजों को ट्रेस करने वाली कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम का है। दूसरी तरफ रोजाना आने वाले संक्रमित मरीजों में 70 से 80 फीसदी मरीजों को कोरोनावायरस के लक्षण हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम का कहना है कि रोजाना आने वाले नए मरीजों में 60 फीसदी तक युवा होते हैं। सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले में कोरोनावायरस के एक्टिव मरीजों की संख्या 3207 पर पहुंच गई है।बाकी लोगों के साथ 2 घंटे लाइन में लगे रहे 4 संक्रमित
जालंधर | सिविल अस्पताल में बना फ्लू कॉर्नर कोविड संक्रमण का नया केंद्र बन रहा है। फ्लू कॉर्नर में लोग कोविड टेस्ट करवाने आ रहे हैं। वहीं कोरोना पॉजिटिव को रिपोर्ट लेने भी फ्लू कॉर्नर आना पड़ता है। ऐसे में फ्लू कॉर्नर आने वाले लोग कोविड साथ लेकर जाते हैं। सोमवार को फ्लू कॉर्नर में लगी लाइनों में खड़े 4 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें एक कार में, दो ऑटाे में व चौथा बाइक पर रिपोर्ट लेने आया था। करीब 2 घंटे लाइन में खड़े होने के बाद पता चला कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है। इसके बाद उन्हें सिर्फ हिदायतें देकर घर भेज दिया गया। सभी पॉजिटिव मरीज उसी तरह वाहनों में अपने घरों को लौट गए।
बड़ी लापरवाही पहले मरीजों को पॉजिटिव होने पर उनके मोबाइल पर मैसेज किया जाता था। आशा वर्कर उनके घर जाकर उन्हें जरूरी दवाएं मुहैया करवाती थीं, मरीज की पूरी मॉनिटरिंग की जाती थी लेकिन अब कई घंटे लाइनों में लगकर मरीज को कोविड रिपोर्ट सौंपी जा रही है। इससे लाइन में खड़े बाकी लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा है।
संक्रमण फैलने का बड़ा कारण
रिपोर्ट का इंतजार तक नहीं कर रहे लोग
कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले एक हफ्ते से 380 से लेकर 450 के बीच बनी हुई है। डाॅक्टर्स का कहना है कि संक्रमितों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण एक संक्रमित का दूसरे ठीक व्यक्ति के संपर्क में आना है। सैंपल देने के बाद लोग घरों में नहीं रुक रहे और पब्लिक प्लेस अथवा रिश्तेदारों में संक्रमण को बढ़ा रहे हैं
लापरवाही के 3 उदाहरण
केस-1 चार दोस्तों ने सैंपल दिया रिपोर्ट पॉजिटिव आई लेकिन कुंभ मेले में शाही स्नान कर रहे थे…
टीम : हेल्थ डिपार्टमेंट से बोल रहे हैं। आपके कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अभी आप कहां है?
मरीज : मैं हरिद्वार कुंभ मेले में दोस्तों के साथ आया हूं। क्या मेरे साथियों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है?
टीम : हां, लेकिन आपकी रिपोर्ट आई नहीं तो आप कैसे चले गए? क्या रास्ते में किसी ने रिपोर्ट नहीं चेक की?
मरीज : नहीं किसी ने नहीं रोका।
केस-2 रिपोर्ट पॉजिटिव
लेकिन उससे पहले ही शादी अटेंड करने पहुंच गए…
टीम की नकोदर के रहने वाले व्यक्ति को काॅल : आप कहां हैं?
मरीज : मैं परिवार के साथ रिश्तेदारी में शादी अडेंट करने आया हूं।
टीम : लेकिन… (फोन काट दिया।) टीम के सदस्यों ने बताया कि लोगों को पता चलता है कि हम हेल्थ डिपार्टमेंट से बोल रहे हैं तो उनका नंबर ब्लाॅक लिस्ट में डाल देते हैं।
केस-3 रिपोर्ट पाॅजिटिव आई लेकिन पैसे जमा करवाने के लिए बैंक की लाइन में खड़े थे…
टीम : क्या आपने कोरोना टेस्ट करवाया था?
मरीज : हां जी करवाया था। क्या रिपोर्ट आ गई है?
टीम : उसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आईहै। आप कहां हैं?
मरीज : मैं बैंक में पैसे जमा करवाने आया हूं। बाद में बात करूंगा। (इसके बाद मरीज ने फोन ही काट दिया )टीम घर पर आकर औचक जांच करेगी, घर नहीं मिले तो पर्चा होगा जियो फेंसिंग की नोडल अफसर पीसीएस नवनीत कौर बल ने आदेश दिए हैं कि कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम हर संक्रमित के मोबाइल फोन में कोवा एप डाउनलोड करवाएगी। संक्रमित को लोकेशन 24 घंटे आॅन रखनी होगी। कोेई भी संक्रमित 17 दिन के क्वारेंटाइन से पहले घर से बाहर निकला तो उसे फोन पर वार्निंग दी जाएगी। दूसरी बार एसडीएम या पुलिस पार्टी व्यक्ति से संपर्क करेगी। फिर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। वहीं क्वारेंटाइन समय के दौरान सेहत विभाग की टीम निरीक्षण करने पहुंचेगी अगर मरीज घर पर नहीं मिला तो रिपोर्ट संबंधित थाने को सौंपी जाएगी। संक्रमित को क्वारेंटाइन का समय पूरा करना होगा 7वें 8वें दिन टेस्ट करवाने वाले रिपोर्ट निगेटिव लेने वाले लोगों पर भी कार्रवाई होगी।