बुधवार काे सेहत विभाग की लापरवाही के चलते 5 काेराेना पॉजीटिव यात्री फ्लाइंग मेल ट्रेन में सवार हाेकर निकल गए थे, लेकिन उस घटना के बाद भी सेहत विभाग ने काेराेना मरीजों की ट्रैकिंग के लिए काेई ठाेस कदम नहीं उठाए हैं। वीरवार काे रेलवे स्टेशन पर तैनात सेहत विभाग की टीमाें की ओर से केवल उन्हीं यात्रियों के काेराेना के टेस्ट किए गए जाे ट्रेनों के जरिए अमृतसर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे।
वहीं दूसरी ओर ट्रेनों के जरिए अमृतसर रेलवे स्टेशन से जाने वाले यात्रियों के काेराेना टेस्ट नहीं किए गए। यही नहीं आने वाले यात्रियों के टेस्ट भी मात्र दो बजे तक ही किए गए। इसके बाद सेहत विभाग के टीम वहां से यह कह कर चली गई कि उनकी ड्यूटी दो बजे तक ही है।
रेलवे स्टेशन पर तैनात सेहत विभाग के कर्मचारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वीरवार पूरे दिन में केवल 33 यात्रियों के ही काेराेना टेस्ट किए गए व इनमें से 2 यात्री पॉजीटिव पाए गए। उनका यह भी कहना था कि पाॅजीटिव पाए गए यात्रियों काे सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भेजने का काेई इंतजाम विभाग की ओर से नहीं किया गया व विभाग ने उन्हें अपने स्तर पर ही आइसोलेट हाेने के आदेश दे दिए हैं।
दूसरी ओर स्टेशन से ट्रेनों में बैठकर दूसरे राज्यों में जाने वाले यात्रियों के रैपिड टेस्ट न किए जाने पर रेलवे के अधिकारियों में बेहद राेष पाया जा रहा है। इस बारे में यूआरकेयू के डिवीजनल सचिव रमन महाजन, यूआरएमयू के डिवीजनल सचिव राजेश कुमार, शाखा सचिव टीपी शर्मा, एनआरएमयू के शाखा सचिव ईश देवगन का कहना है कि पहले ही सेहत विभाग की लापरवाही के कारण बुधवार काे 5 काेराेना पॉजीटिव मरीज ट्रेन में सवार हाेकर चले गए। अब दूसरी तरफ अमृतसर से ट्रेनों में जाने वाले यात्रियों का काेराेना टेस्ट ना किया जाना भी बेहद खतरनाक है।