- जोशी की केंद्र में सभी सुनते हैं, अगर उन्हें लगा कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही तो वह सीधे बात कर लेते : अश्विनी शर्मा
पिछले काफी समय से अलग-थलग पड़े अमृतसर के नॉर्थ हलके से भाजपा के विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी किसानी मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावती सुर मुखर करने को लेकर पार्टी में नाराजगी है। रविवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने अनिल जोशी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें मीडिया में जाने की बजाय पार्टी स्तर पर बात करनी चाहिए थी। उनकी हर स्तर पर बात सुनी जाती रही है। अगर उन्हें लगता था कि सुनवाई नहीं हो रही तो वह सीधे बात रख सकते थे।
पहले जोशी पर सवाल से इनकार, फिर खुद ही दी नसीहत
खन्ना स्मारक स्थित पार्टी ऑफिस में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बुलाई बैठक में पहुंचे शर्मा ने जोशी के मसले को लेकर ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई। बैठक से पहले उन्होंने मीडियाकर्मियों से स्पष्ट करवा दिया था कि वह उस पर सवाल नहीं करेंगे। इसके बाद दूसरी बार प्रेस काॅफ्रेंस में खुद ही नसीहत दे गए।
शिअद-बसपा ने मजबूरी में गठबंधन किया: शर्मा
शर्मा ने किसानी मुद्दे पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इसे लेकर किसानों के साथ 11 बार बैठक हुई, जिसमें सेंटर ही नहीं स्टेट की लीडरशिप भी शामिल हुई। उनका कहना है कि जोशी की केंद्र तक सभी सुनते हैं, अगर उन्हें लग रहा था कि उनकी सुनवाई नहीं हो ही है तो वह सीधे बात कर लेते। प्रधान शर्मा ने किसानी मुद्दे पर विपक्ष पर राजनीति करने का इल्जाम लगाया और कहा कि यह किसान हितैषी है, लेकिन कुछ लोग 2022 के चुनाव तक इसे घसीटना चाहते हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को बेमेल और मजबूरी का गठबंधन बताया।
इसी तरह से सूबे की कैप्टन सरकार को सबसे बड़ी झूठी सरकार का खिताब देते हुए अश्विनी ने कहा कि इस सरकार के दौर में दलितों समेत हरेक वर्ग का सबसे अधिक शोषण हुआ है। सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि अब उनकी पार्टी आजाद है और हरेक कार्यकर्ता एेसा महसूस कर रहा है। पार्टी अपने दम पर सूबे की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीतेगी भी। बैठक में उन्होंने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए जी-जान से जुट जाने का निर्देश दिया।