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जालंधर में शिक्षा की आड़ में अवैध कालोनियों का साम्राज्य , हर साल सरकार को 10 करोड़ का चूना !

जालन्धर काला सिंघा रोड से ठगी रोड पर जालन्धर में स्कूल चेन के मालिक की ओर से एक और अवैध कालोनी काटी जा रही है। यह नाजायज कालोनी पुडा के अधिकार क्षेत्र में है। इस कालोनी में 40 फुट और 240 फुट लंबे 15 प्लाट काटे जाने है जिसकी निशानदेही का काम शुरू हो गया है।

यह कालोनी नूर रिसोर्ट के सामने तीन अलग अलग जगहों पर जा रही है। इन तीनों अवैध कालोनियों के आगे जंगलात विभाग के करीब 400 सरकारी पेड़ है। जिनको आने वाले दिनों में काटने की योजना है। इससे पहले इसी कालोनाईजर ने इस रोड पर दो अवैध कालोनियां काट कर बेची है सभी कालोनियों की एंट्री पर 15 से ज्यादा दुकानें और पीछे रिहायशी प्लाट बेचे गए। पहले बनाया स्कूल फिर शुरू हुआ अवैध कालोनियों काटने का सिलसिला जालंधर में अवैध कालोनियों का कारोबार बहुत पुराना है इस कारोबार को फैलाने के साथ जालन्धर में तीन रूपों ने शिक्षा का सहारा लिया अवैध कालोनी काटने से पहले उकालोनाईजरों द्वारा पहले स्कूल की स्थापना की जाती थी ताकि वहां पर घर खरीदने वालों को नजदीको स्कूल में शिक्षा दिलवाई जा सके। इस पूरे खेल में जालन्धर में शिक्षा से जुड़े तीन बड़े पुषों ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत का फायदा उठाकर अपने शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ाई वहाँ उतनी तेजी से अवैध कालोनियों का साम्राज्य भी फैलाया मगर इस खेल में सरकार को बड़े स्तर समय समय पर करोड़ों का चूना लगता रहा दगी पिंड में कालोनी काटने वाले उक्त कालोनाईजर ने सलेमपुर मुसलमाना में भी कई अवैध कालोनियों काटी और मौजूदा सरकार को करोड़ों का रगड़ा लगाया। कांग्रेस सरकार ने शुरुआती साल में उस कालोनाईजर की सभा अवैध कालोनियों का चिट्ठा तैयार किया था और विभाग ने भी कारवाई करने की लगभग पूरी तैयारी कर ली थी उसी दौरान शातिर कालोनाईजर ने रातों रात पूरा खेल हो पलट दिया और मेवर जगदीश राजा को शरण में चला गया। माना जा रहा है कि उकालोनाईजर ने मेयर की छतरख्या में ही सलेमपुर मुसलमाना के आसपास 6 अवैध कालोनियां काट दी।