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डेंगू की रोकथाम के लिए बडे स्तर पर किये जा रहे प्रयत्न: घनश्याम थोरी

डेंगू की रोकथाम के लिए बडे स्तर पर किये जा रहे प्रयत्न: घनश्याम थोरी

हाटस्पाट इलाकों में जागरूकता गतिविधियां, फोगिंग और चैकिंग में तेज़ी

डेंगू की रोकथाम के लिए सभी संवेदनशील इलाकों में टीमें तैनात

जालंधर, 30 अक्तूबर

डेंगू के बढ़ रहे मामलों के चलते डिप्टी कमिश्नर श्री घनश्याम थोरी ने आज कहा कि प्रशासन और स्वास्सथ्य विभाग की टीमों की तरफ से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू की रोकथाम के लिए बडे स्तर पर प्रयत्न किये जा रहे है।

अलग -अलग विभागों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि स्टेट हैल्थ अथारिटी अनुसार जालंधर अब तक रिपोर्ट किये गए डेंगू मामलों के मामलो में 16वें स्थान पर है परन्तु सभी टीमों की तरफ से डेंगू की रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है। उन्होंने आधिकारियों को कहा कि जिले भर में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ डेंगू को कंट्रोल करने के लिए किये जा रहे प्रयत्नों में तेज़ी लाने में कोई कमी बाकी न छोड़ी जाये। उन्होंने कहा कि हाटस्पाटस के तौर पर पहचाने गए क्षेत्रों में जन- जागरूकता अभियान पहले ही शुरू किया जा चुका है।

डिप्टी कमिश्नर ने लोगों को डेंगू से बचाव के लिए सभी उपाय करने की अपील भी की। उन्होंने बताया कि 28 अक्तूबर तक 243 मामले सामने आए है, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 168 जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 74 मामले शामिल है। डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि शहरी हाटस्पाट इलाकों में बस्ती दानिशमंदा, बस्ती शेख, जालंधर कैंट, संतोखपुरा और अन्य शामिल है। उन्होंने कहा कि लोगों को रिहायशी स्थानों, गलियों और जनतक स्थानों पर ठहरे पानी के निकास के लिए जागरूक किया जा रहा है।

श्री थोरी ने कहा कि लोगों को मच्छरों के प्रजनन स्थानों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, जिससे डेंगू के प्रकोप को ओर प्रभावशाली ढंग से काबू किया जा सके। उन्होंने कहा कि एडीज़ ईजिप्टी मच्छर साफ़ पानी में पैदा होता है और ठहरे पानी के इलावा फूलदान, फ़्रिज, कूलर, टायर, पक्षियों के फीडर और अन्य बर्तन आम स्थान है, जहाँ यह मच्छर पैदा होता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत प्रभावित इलाकों में मच्छरों के प्रजनन स्थानों के बारे में घर -घर जा कर लोगों को जागरूक करने के लिए नगर निगम की तरफ से स्वास्थ्य, शिक्षा, यूथ वैलफेयर और अन्य विभागों के साथ सांझी टीमों का गठन किया गया है। टीमों की तरफ से प्रमुख प्रभावित इलाकों में जागरूकता रैलिया भी की जा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी पंचायत, स्वास्थ्य विभाग, ई.ओज़, बी. डी.पी.ओज़ की टीमों की तरफ से सभी गाँवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रही है, जिससे गाँवों के लोगों को इस बीमारी के बुरे प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि ज़िला प्रशासन जालंधर की तरफ से डेंगू की रोकथाम के लिए यह विशेष अभियान चलाया गया है, जिसके अंतर्गत डेंगू प्रभावित इलाकों में इनफोरसमैंट ड्राइव से ले कर जागरूकता अभियान तक बहुपक्षीय रणनीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा -निर्देशों को प्रभावशाली ढंग के साथ लागू करने के लिए डेंगू प्रभावित इलाकों की सूची भी बाँट ली गई है। उन्होंने कहा कि जहाँ प्रभावित इलाकों में नियमित तौर पर फोगिंग और स्प्रे करने को यकीनी बनाया जा रहा है, वहीं चैकिंग टीमों की तरफ से उन लोगों के चालान भी किये जा रहे है, जहाँ डेंगू का लारवा पाया जाता है।

डिप्टी कमिश्नर ने यह भी बताया कि विद्यार्थियों की तरफ से लोगों को पुराने टायर, टूटे -फूटे बर्तन और अन्य बेकार समान हटाने के इलावा पानी के भंडार वाले सभी बर्तनों को ढक कर रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने आस -आसपास को साफ़ सुथरा और हरा भरा रखना प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक ज़िम्मेदारी है।