जालंधर (विकास)-फ्री बिजली, सस्ती एवं अच्छी शिक्षा देने के वादे के साथ पंजाब में सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार को स्कूल यूनिफॉर्म माफिया पर जरूर शिकंजा कसना चाहिए। ये माफिया जालंधर में रैनक बाजार, भगवान वाल्मीकि चौक के आसपास मार्केट, बस्तीयात क्षेत्र, माडल टाऊन आदि में सक्रिय है। इसे हम माफिया कह रहे हैं जबकि ये लोग गरीब मां बाप की मेहनत की कमाई को चूसने वाली वो जोंके हैं जिनका पेट कभी नहीं भरता। रैनक बाजार में एक खोखे से वर्दी का काम शुरू करने वाला आज करोड़ों की प्रॉपर्टी का मालिक बन गया और उसकी दुकान पर आज भी वो मध्यमवर्गीय परिवार का मुखिया उसी टूटे स्कूटर पर बच्चों की महंगी यूनिफार्म खरीदने जाता है जो 4 साल पहले भी जाता था। जिस दुकान की हम बात कर रहे हैं वे दुकान उस व्यक्ति से खरीदी गई जोकि नगर निगम में उच्च पद पर रह चुका है। ये दुकान तीन चार मंजिला है और इसके अंदर आपको कई स्कूलों के बैज लगी वर्दियां और खुले बैज भी मिल जाएंगे लेकिन दाम ज्यादा लगेंगे। इसके अलावा ब, च और ग नाम से चलने वाले स्टोर जालंधर में यूनिफॉर्म माफिया का हिस्सा बन चुके हैं। बेशक भगवंत मान सरकार ने कहा कि मां बाप को चुनिंदा दुकानों से किताबें और वर्दियां खरीदने को मजबूर नहीं किया जाएगा लेकिन अगर सभी दुकानों पर वर्दी मिलेगी ही नहीं तो मां-बाप इन चुनिंदा दुकानों पर ही जाएंगे। निक्कर, टी शर्ट, स्कर्ट, कमीज आदि इतने महंगे हैं कि मां बाप के हजारों रुपए खुल जाते हैं। ये व्यापारी लुधियाना से माल मंगवाते हैं और जालंधर की जनता को महंगे दाम पर बेचते हैं। मान सरकार को इस तरफ अवश्य ध्यान देना चाहिए क्योंकि मां बाप की जेब अब भी कट रही है।