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Raids at 20 NIA locations on Dawood Ibrahim's close friends in Mumbai

सेटिंग का खेल अब भी जारी है अग्रवाल हॉस्पिटल में काम क्योंकि हॉस्पिटल वालों ने दे रखे हैं राजा और वजीर को मोटे दाम पढ़े क्या है पूरा मामला

नगर निगम का सारा खजाना राजा और वजीर की जेब में

जो भरेगा राजा और वजीर की जेब वह काट सकेगा अवैध कॉलोनियों और बना सकेगा अवैध बिल्डिंग

सेटिंग का खेल अब भी जारी है अग्रवाल हॉस्पिटल में काम क्योंकि हॉस्पिटल वालों ने दे रखे हैं राजा और वजीर को मोटे दाम

 

जालंधर (MB): अवैध बिल्डिंगों पर कार्रवाई से और सरकार का खजाना भरा को सील तो कर दिया गया लेकिन जी प्रजा को बेवकूफ तो बना रहे एक कॉमर्शियल बिल्डिंग को दो भी खाली है। इसके कई कारण हैं। तीसरे गेट से काम जारी है। दरअसल अब सरकार की बजाय मेरा भारत की टीम ने जांच के दौरान किसी भी गेट पर नगर निगम की कोई भी सील नहीं है तथा धड़ल्ले से इन अवैध बिल्डिंग में काम चालू है सरकार को सरकार के ही मुलाजिम धड़ल्ले से लूट रहे हैं कब होगी लुटेरों पर कार्रवाई

बचपन में हर कहानी में एक राजा होने वाली आय सरकार के पास होता था, उसका एक वजीर खास कम और सैटिंग के खेल में होता था। दोनों कई बार प्रजा को अधिक बंट रही है। जैसे कि राज बेवकूफ बनाते और पैसा कूटते थे मुंसिपल कारपोरेशन के राजा दोनों ही प्रजा को लूट रहे हैं लेकिन सरकारी खजाना फिर भी खाली है लेकिन अब जालंधर के काम आज भी जारी है ठीक उसी मेयर राजा जी और उनके वजीर ऐसी ही दो बिल्डिंग बस्ती अड्डा चौक के पास हैं लेकिन सरकार का खजाना फिर भी खाली है गेटों पर सील लगाई गई पर एक खुफिया रास्ता छोड़ा गया जिस रास्ते के जरिए लेबर अंदर जाकर अपना काम कर सके लेकिन अपने खजाने की ज्यादा फिक्र है पाया कि तीसरे गेट से लेबर अंदर जाती है और सारा दिन काम करके शाम को उसी गेट से बाहर आ जाती है। इसी बिल्डिंग के 2 गेट सौल है। इन गेटों पर सिर्फ नगर निगम के ताले लगे हैं ना की सील तीसरे गेट की चाबी अग्रवाल हॉस्पिटल के पास मौजूद है अब अगर इमारत को निगम की टीम ने सील ही कर दिया तो फिर तीसरा गेट कहां से आ गया। यहां हुई बजीर जो की एंट्री सूत्रों के मुताबिक वजीर जी ने बिल्डिंग वाले को शायद कह दिया कि जो दो गेट सील है वो निगम की सख्ती दिखाते हैं और तीसरे गेट का जो विकल्प आपको दे रहा हूं वो मेरी आपके प्रति नरमी दिखाता है। कुलमिलाकर आप काम करते रहिए और वजीर साहब की जेब भरते रहिए। हालांकि इस बिल्डिंग के निर्माण में बड़ा घपला होने की खबर है। यह घपला नक्शा और एनओसी दोनों को लेकर है। इसीलिए तो इसको सील किया गया था लेकिन निर्माण तो अभी भी जारी है। सूत्रों की माने तो वजीर ने खुद ने बताया कि अग्रवाल हॉस्पिटल की पिछली बिल्डिंग रिहायशी नक्शे पर पास है और अगली बिल्डिंग में बेसमेंट पास नहीं है