पंजाब भर की सब्ज़ी मंडियों में प्लास्टिक के लिफाफों में छोटी पैकिंग आने के कारण रिटेल कारोबार फेल, थोक कारोबारियों का पैसा डूबने की बड़ी अशंका
महिंदर गांधी
पंजाब भर की सब्ज़ी मंडियों में प्लास्टिक के लिफाफों में छोटी पैकिंग आने के कारण रिटेल कारोबार फेल, थोक कारोबारियों का पैसा डूबने की बड़ी अशंका| ग़ौर हो कि कोरोना काल से पहले प्लास्टिक का लिफाफा बंद करने की पंजाब सरकार ने एक मुहीम चलाई थी, मगर क्या हुआ कि कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, सभी को प्लास्टिक की याद ही भूल गयी, जिसके चलते पंजाब में आज प्लास्टिक का कारोबार इतना बढ़ गया है कि खासकर सब्जी मंडियों में 5, 10 और 13 किलो की पैकिंग आ रही है जो कि हर कोई लिफाफा ले कर चला जाता है और रिटेल कारोबारी ग्राहक के इंतजार में बैठे रहते हैं कि मंडी में कब लिफाफे की पैकिंग खत्म होगी और हमारे पास ग्राहक आएगा| मगर आधे दिन तक, लिफाफा पैकिंग खत्म ना होने के कारण रिटेल कारोबार दिन प्रति दिन बंद होता जा रहा है| जिसमें खासकर थोक कारोबारियों का पैसा डूबने कि आशंका बड़ती जा रही है क्योंकि थोक कारोबारी ही किसान को पैसे की मदद करते हैं, व्यापारी वर्ग को उधार देते हैं, फड़ी वालों को उधार देतें है मगर सच्चाई क्या है, जब किसी व्यापारी या फड़ी वाले को कारोबार में पैसा घट जाता है तो वह मंडी से भाग जाता है जिसके चलते थोक कारोबारियों का नुकसान होता है| पंजाब में नई बनी झाड़ू की सरकार को चाहिऐ कि सबसे पहले प्लास्टिक के लिफाफे की सफाई करे| तांकि इस से तयार हो रहा कैंसर और डूबते हुए कारोबार को बचाया जा सके