गांव गाखल में रिश्ते तार तार: आप एमएलए के मुंहबोले पास्टर सेक्रेटरी ने विधवा बहन को किया बेघर
कोर्ट के आदेशों की भी अवमानना
जालंधर (विकास मौदगिल): सत्ता और कुर्सी का गुरूर सिर चढ़ कर बोलता है। पंजाब में तीन माह की आम आदमी पार्टी सरकार का गुरूर तो संगरूर उपचुनाव में वोटरों ने तोड़ दिया लेकिन गुरूर की पराकाष्ठा आपको जालंधर जिले में देखने को मिलेगी। यहां एक आप विधायक के मुंहबोले कथित सेक्रेटरी ने अपने बॉस की कुर्सी का रौब जमाते हुए अपनी बुजुर्ग विधवा बहन और भांजे-भांजियों को घर से बेघर कर दिया। यह ह्दयविदारक घटना गांव गाखल में घटित हुई है। पीडि़ता वीनस मसीह की पुत्री सोनू ने बताया कि वह कई दशकों से नाना द्वारा दिए घर में रहते थे। उनके मामा थामस मसीह जोकि पंजाब पुलिस से रिटायर हुए हैं, ने चर्च में पास्टर बनने के बाद उनके घर पर कब्जे के प्रयास शुरू कर दिए। विधवा वीनस अपने परिवार के साथ जिस मकान में रहती थी वह उस चर्च के बिल्कुल पास है जहां पर थामस पास्टर है। मामा थामस की बदनीयती का खुलासा करते हुए परिवार ने भावुक होते हुए कहा कि इस मामा ने हमारे परिवार की लड़की पर बुरी नजर डाली और बाद में माफी मांगी। सोनू ने बताया कि मामा जब मकान पर कब्जे की कोशिश कर रहे थे तब उनके परिवार (पीडि़त परिवार) ने माननीय हाईकोर्ट से स्टे भी लिया लेकिन मामा ने अपने बॉस आप एमएलए के साथ कथित रूप से मिलकर अफसरों पर रौब जमाकर मकान पर स्टे के आदेश की अवमानना की और कुछ दिन पहले उनका सामान घर से बाहर फिंकवा दिया। कई दिनों तक वीनस तेज धूप में सड़क किनारे घर के सामान के साथ पड़ी रही जिसकारण वे बीमार हो गई और इस समय अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। पीडि़त परिवार का कहनाा है कि मामा ने मकान पर कब्जे की इतनी गहरी साजिश रची कि पुलिस से मिलकर उनसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए। अब पीडि़त परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है लेकिन वे इतने ज्यादा मजबूर हैं कि सिवाए रोने के उनके पास और कुछ नहीं बचता ।