जालंधर (mera bharat news)
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू की लोक सभा उप चुनाव में बड़े बहुमत के साथ जीत हुई। सुशील कुमार रिंकू कांग्रेस के आम आदमी पार्टी में शआमिल हुए जहां उन्हें लोक सभा उप चुनाव में उम्मीदवार घोषित किया गया। अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान ने सुशील रिंकू की राजनैतिक पैठ व उसका कामीनी स्तर से लोगों के साथ जुड़े होने का अक्स देखते हुए उसे उम्मीदवार घोषित किया। एसा हो भी क्यों ना, क्योंिक सुशील कुमार रिंकू सच में ही जमीन से जुड़े नेता हैं और अपने इलाके ही नहीं बल्कि दूसरे इलाकों के लोगों की भी पुरकाोर सहायता करते हैं। बता दें कि लतीफ पुरा में जब सुशील रिंकू के विधायक कार्यकाल में सरकार ने डिच चलाने की कोशिश की थी तो सुशील कुमार रिंकू ने उसे रोका था । यहीं नहीं वह लोगों का घर बचाने के लिए डिच पर ही चढ़ गए थे और भारी विरोध किया था। जिससे लतीफ पुरा के लोग बीते दिनों उनेक घर तोड़े जाने पर उनकी कमी महसूस कर रहे थे। सुशील रिंकू खुद को नेता की बजाय अपने आप को लोगों का परिवारिक सदस्य मानते थे तभी तो कभी भी किसी भी समय वह लोगों के घरों व कार्यक्रमों में बिना सुरक्षा कर्मचारियों के बाईक पर ही चले जाते थे। दुसरी तरफ से देखें तो आम आदमी पार्टी को सुशील रिंकू के चहरे का अधिक फायदा हुआ है क्योंकि उनका चेहरा और किये गए काम ही उनकी पहचान है जिसके चलते लोगों ने आखें बंद कर सुशील रिंकू को वोट डाले। मानें तो यह भी बात ासमने आ रही है कि अन्य पार्टीयों ने अधिकतर दूसरे शहर में रहने वालें उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार जिनसे लोगों की सोच थी कि अगर कोई काम करवाना होतो कहां जाएंगें। दूसरी तरफ कांग्रेस ने महिला प्रत्याक्षी को मैदान में उतारा जिससे लोॉगों की यह भी सोच थी कि अगर कोई काम होगा तो वह कैसे बात करेंगें। अब बात करते हैं पार्टीयों के चुनाव प्रचारों की। यूं तो किसी पार्टी ने अपने चुनाव प्रचार में कमी नहीं छोड़ी मगर फिर भी हार का मुंह देखना पड़ा। भाजपा की हाईकमान चुनाव प्रचार के दौरान जालंधर में ही डेरा डालकर बैठी रही रोड़ शो किए मगर फिर भी हार का मुंह देखा पड़ा। उधर कांग्रेस के प्रांत प्रधान राजा वडि़ंग भी चुनाव प्रचार के दौरान जालंधर में ही रहे और प्रचार किया । उनके अलावा स्वर्गीय चौधरी संतोख सिंह की असमय हुई मृत्यु को लेकर सहानुभुति वोट भी सीट ना बचा पाई। कुल मिलाकर बात करें तो सुशील कुमार रिंकू के अपना कार्य काल मे किए गए कार्य व लोगों से अच्छे रिश्तों के चलते सुशील कुमार रिंकू विजय हुए हैं।
मिलाकर बात करें तो सुशील कुमार रिंकू के अपना कार्य काल मे किए गए कार्य व लोगों से अच्छे रिश्तों के चलते सुशील कुमार रिंकू विजय हुए हैं।