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धारा 302 के तहत जीवन कैद सजा: जिला न्यायालय ने पति के पिता, मां-बाप और बहन को सुनाई उम्रकैद की सजा 

“धारा 302 के तहत जीवन कैद सजा: जिला न्यायालय ने पति के पिता, मां-बाप और बहन को सुनाई उम्रकैद की सजा

अधिवक्ता मनमोहन सिंह सोढ़ी और राज्य के लिए अतिरिक्त लोक अभियोजक ने मृतक लड़की व उसके परिजनों को न्याय दिलाने के लिए किये जोर तोर प्रयास:

 

लुधियाना, 9 नवम्बर 2023 – जिला न्यायालय ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302, 201, और 34 के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमे का निर्णय सुनाया है।

सूचना के अनुसार, आरोपियों को उपनिरीक्षक, पुलिस स्थानीय थाना सलेम तबरी, लुधियाना ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302, 201, 34 के तहत अपराध के लिए दर्ज करवाया था।

प्रकरण का मुख्य किस्सा यह है कि 14 नवम्बर 2016 को, एएएसआई जनक राज और पुलिस पार्टी ग्रीन लैंड स्कूल के पास मौजूद थे, जहां शिकायतकर्ता अवतार सिंह उपस्थित थे और उन्होंने यह बताया कि उनके पास दो बच्चे हैं, एक बेटा सुखविंदर सिंह और एक बेटी मनिंदर कौर थी जो 19 सितंबर 2010 को अमृतपाल सिंह, जो बलविंदर सिंह के पुत्र थे, से विवाह किया था। उनके दामाद को शराब पीने की आदत थी जिसके कारन 26 फरवरी 2016 को उसका देहांत हो गया था शिकायतकर्ता की बेटी और पोती ससुराल में रह रही थी मनिंदर कौर के पति ने शादी के बाद एक 300 वर्ग एक प्लाट मनिंदर कौर के नाम किया हुआ था आरोपीऔ ने उक्त प्लॉट में हिस्सा देने के लिए शिकायतकर्ता की बेटी को परेशान करना शुरू कर दिया था उस दिन शिकायतकर्ता की पत्नी को तेजिंदरपाल सिंह का टेलीफोन आया कि शिकायतकर्ता की बेटी के चेहरे पर चोटें हैं और वह बेहोश पड़ी है। शिकायतकर्ता अपनी पत्नी और अन्य रिश्तेदारों के साथ अपनी बेटी के घर गया और देखा कि वह मृत पड़ी थी और उसके हाथ और गर्दन पर चोटों के निशान थे। आरोपियों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता की बेटी की धारदार हथियार से हत्या कर दी हुई थी जिसकी FIR रजिस्टर होने के बाद ये मामला पुरे 7 साल तक चला क्योकि प्रथम दृष्टया आरोपी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201, 34 के तहत कार्यवाही करने का मामला पाते हुए तदनुसार आरोप तय किया गया, जिस पर आरोपी ने खुद को दोषी नहीं माना और मुकदमा चलाए जाने का दावा किया।

मृतक मनिंदर कौर के शव की तस्वीरे देखने से स्पष्ट रूप से पता चलता था कि मृतक मनिंदर कौर की हत्या आरोपियों द्वारा की गई है जिन्होंने अपनी बहू की हत्या की थी। जिस पर उपरोक्त साक्ष्यों से जिला न्यायालय को कोई संदेह नहीं है कि आरोपी अपनी बहू मनिंदर कौर के हत्यारे थे। वर्तमान मामले में, आरोपी की ओर से अपराध करने का मकसद स्थापित हो गया है। अभियुक्तों की ओर से बचाव में दी गई दलीलों में कोई दम या दम नहीं है कि उन्हें झूठा फंसाया गया इन सब पर जो चर्चा की गई है उसके आलोक में और बिना विस्तार के, यह माना जाता है कि अभियोजन पक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 302 के तहत दंडनीय अपराध के लिए आरोपी बलविंदर सिंह, बलविंदर कौर और जशनप्रीत कौर को जोड़ने में सक्षम है। बता दें कि दोषियों बलविंदर सिंह, बलविंदर कौर और जशनप्रीत कौर को हिरासत में लेने का आदेश दिया गया और दोषियों को हर एक दोषी को आजीवन कारावास और 10,000/- रुपये का जुर्माना के साथ सजा सुनाई गयी