जालन्धर (विकास) इस समय अगर सब्जी मंडी मकसूदा में देखा जाए तो तड़के के स्वाद में डाला जाने वाला लहसुन पूरे अपने तेवर पर है और वह 350 से लेकर ₹400 किलो तक बेचा जा रहा है और इतनी महंगाई इस समय लहसुन द्वारा की गई है कि अगर इसके एक एक लहसुन की तूरी का हिसाब आपको दिखाएं तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
मंडी सूत्र बताते हैं कि रोजाना 30 से 35 लाख का लहसुन जालंधर निवासी डकार जाते हैं ।यहां मकसूदा मंडी में मोगा, धर्मकोट फिरोजपुर व इसके इर्द-गिर्द के एरिया से रोजाना 10 से 15 छोटा हाथी भरकर माल आता है और मंडी में सिर्फ दो लोग ही लहसुन का कारोबार करने के कारण यहां पर लहसुन के मनमर्जी के रेट लगाए जाते हैं।
सूत्र यह भी बताते हैं कि जब लहसुन की बोली होती है तो बोली से 5 से ₹10 ज्यादा भाव प्रति किलो के हिसाब से वसूला जाता है लहसुन की महंगाई का यह भी एक कारण है और यह भी जानकारी मिली है कि लहसुन की एंट्री बहुत ही कम कागजों में डाली जाती है जिससे आढ़तियों के साथ-साथ मंडी अफसर की भी लहसुन की एक-एक तूरी से चांदी बरसाती हुई नजर आ रही है पंजाब में स भगवंत मान सरकार के द्वारा जो आपने वर्कर खड़े किए हुए हैं वह भी अफसर के साथ मिलकर भ्रष्टाचारियों के साथ हाथ गुलाबी करते हुए नजर आते हैं।
मंडी सूत्र बताते हैं कि यहां पर लहसुन की एंट्री बहुत ही कम डाली जाती है और इस मंडी से जे&के ,हिमाचल प्रदेश व जालंधर की आसपास छोटी-छोटी लगभग 50 मंडियों में यहां से ही लहसुन सप्लाई के लिऐ जाता है जिस कारण यह अपनी मनमर्जी के भाव पर लहसुन बेच रहे हैं अगर उनकी अच्छे तरीके से जांच की जाए तो बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं।