जालंधर (Mera bharat): आज लोगों द्वारा बनाई गई कहावत सच होती नजर आ रही है कि महानगर में कारपोरेशन का मतलब है करप्शन इसका प्रमाण महानगर में बन रही कई अवैध बिल्डिंग दे रही है महानगर में भ्रष्टाचार चरम पर है और जालंधर नगर निगम की तरफ से अवैध निर्माणों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। वैसे तो हर विधानसभा हलके में अवैध निर्माण हो चुका है, हो रहा है और होता रहेगा लेकिन वेस्ट विधानसभा हलके में इस समय सबसे ज्यादा अवैध निर्माण हो रहे हैं। बस्ती बावा खेल, राज नगर नहर के नास बड़ा सा अस्पताल बन रहा है जोकि पूरी तरह से अवैध है। इस अस्पताल को निगम की तरफ से एक बार औपचारिकतापूर्ण कार्रवाई करते हुए सील भी किया गया लेकिन फिर भी निर्माण जारी है। इसी प्रकार 120 फुटी रोड पर हरि बर्गर वालों की अवैध इमारत कसी से छिपी नहीं है। रतन नगर में तो अवैध दुकानें दूर से ही नजर आ जाती हैं। बताया जाता है कि हर काम का रेट तय है और तय रेट के मुताबिक कार्रवाई नहीं की जाती। जो व्यक्ति रेट अदा कर देता है उसको छोड़ दिया जाता है जबकि बाकी पर औपचारिक कार्रवाई कर सबको डराया जाता है। सूत्रों के मुताबिक इनमें से कुछ इमारतों के संबंध में निगम के पास शिकायतें भी पहुंची हैं लेकिन इसके बावजूद निगम अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। बताया जाता है कि इन अवैध निर्माणों के नाम पर निगम के खास मुलाजिमों ने रिश्वत का खेल खेला है और अगर ये पैसे इनकी जेब में जाने की बजाय सरकार के खजाने में जाते तो ज्यादा बढ़िया होता।