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Raids at 20 NIA locations on Dawood Ibrahim's close friends in Mumbai

नक्शे के बगैर बने घर प्रतिवर्ग फीट 250 जमा करवा होंगे रेगुलर, दुकानों को समझौता फीस 500 दे मिलेगी सुविधा

जालंधर से जिम्मी बिंद्रा की विशेष रिपोर्ट :-

सिटी के जो लोग बगैर नक्शे के बनाए घरों के ऊपर नई मंजिल बनाने को हाउसिंग लेना चाहते हैं, अब उनका नक्शा आसानी से पास हो सकेगा। बगैर नक्शे की मंजूरी वाली इमारतों को फीस देकर रेगुलर कराने वाली बिल्डिंग रेगुलराइजेशन पॉलिसी इसी महीने रिलीज होने की उम्मीद है। इसमें राज्य के ए क्लास शहरों में शामिल जालंधर में घर की इमारत को रेगुलर कराने के बारे में प्रति वर्ग फीट 250 रुपए समझौता फीस की तजवीज है, जबकि दुकान रेगुलर कराने पर 500 तथा संस्थागत इमारत को रेगुलर कराने पर 375 रुपए लगेंगे।

हर योजना पर बड़ी रियायतें दे रही सरकार से उम्मीद की जा रही है। उक्त फीसें कोरोना काल की शुरुआत में तय हुई थीं। नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के ऑफिस से इनमें संशोधन करने या फिर तय नियमों के तहत ही लागू करने पर फैसला होगा। वहीं, जालंधर के विधायक दोबारा पुराने बाजारों की संकरी सड़कों पर बनी दुकानों के नक्शे पास करने की सुविधा की मांग भी करने की तैयारी में हैं। इस बारे में प्रस्ताव नंबर 58 पास (7 फरवरी, 2021) करके लोकल बॉडीज विभाग को भेजा गया था। अब व्यापारिक नक्शे 60 फीट चौड़ी सड़क पर पास होते हैं, जिस कारण अंग्रेजों के समय से बने बाजारों में 20-30 फीट चौड़ी रोड पर नक्शे पास करने पर रोक लगाई गई थी। इससे दुकानदार परेशान रहे क्योंकि बिना नक्शा इमारत नहीं बना सकते, जिस कारण लोन आदि लेने में दिक्कत आती है।

इमारतें रेगुलर होने पर फायदे

बिल्डिंग को मंजूरी मिलने के बाद कर्ज लेकर इनके ऊपर निर्माण हो सकेगा। लोगों के हाउसिंग लोन, व्यापारिक लोन पास होंगे। }वही इमारत मंजूर होनी है, जिसकी ऊंचाई 50 फीट तक होगी। एेसे में 25-30 फीट चौड़ी रोड पर बनी 3-4 मंजिला इमारतों को मंजूरी मिलेगी। }मंजूर होने के बाद इमारत को तमाम बाकी विभागों की मंजूरियां भी मिलने लगेंगी। उनकी मार्केट वेल्यू बढ़ेगी। }सिटी में पुरानी से पुरानी इमारतों के नव निर्माण का रास्ता खुलेगा, जिससे शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में इजाफा होगा।

बिना मंजूरी बनती हैं इमारतें

नगर निगम में 7 फरवरी का प्रस्ताव नंबर 58 पारित हुआ, जिसमें कहा गया है कि सिटी में बाजारों में अधिकतम 33 फीट चौड़ी रोड हैं, जबकि नियम है कि 60 फीट चौड़ी रोड पर व्यापारिक इमारत का नक्शा पास होगा। ऐसे में लोग बगैर मंजूरी के इमारतों बनाते हैं। इससे नगर निगम का रेवेन्यू लाॅस होता है। अक्सर ऐसी इमारतों के मालिक करप्शन के शिकार भी हो जाते हैं। निगम हाउस के प्रस्ताव में कहा था कि अगर नगर निगम के पुराने रिकाॅर्ड में जो इमारत जैसे दर्ज हैं, उसी के अधार पर नक्शा पारित हो। इस प्रस्ताव पर सरकार की तरफ से मुहर नहीं लगी थी।

सरकार के पास रखा जाएगा मामला

सिटी में 2.50 लाख प्रॉपर्टीज हैं। इनमें बड़ी संख्या उनकी है, जिन्होंने नक्शा मंजूर करवाया है। दूसरी समस्या उन इमारतों की है, जिनका नक्शा पास है, पर टाउन प्लानिंग के नियम तोड़े गए हैं। सरकार ऐसी इमारतों को समझौता फीस लेकर रेगुलर करेगी। जहां इमारत ही एेसी है कि दूसरों को खतरा होने के कारण मंजूर नहीं हो सकती है, उसे कोई लाभ नहीं मिलेगा। सरकार ने बिल्डिंग रेगुलराइजेशन पॉलिसी फाइनल की है, जिसमें समझौता फीस चुका कर इमारत को मंजूरी का सर्टिफिकेट मिलेगा। लोग 2 साल से इसका इंतजार कर रहे हैं। अब इसे रिलीज करने की तैयारी है। जो व्यापारिक इमारतें छोटी सड़कों पर बनी हैं, उन्हें राहत देने के लिए विधायकों ने सरकार के सामने मामला रखने की तैयारी की है। विधायक बेरी कहते हैं कि सिटी में पुराने बाजारों की सड़कें छोटी हैं, लेकिन 60 फीट चौड़ी रोड पर ही व्यापारिक नक्शा पास होगा। पुराने बाजारों को