मेरा भारत NEWS

schoolJalandhar's sandal factory caught fire, children were being called for exam, principal arrested

विंटेज नंबर सरेंडर करने की डेडलाइन खत्म- नोटिस जारी

पंजाब सरकार ने वीवीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए 90 के दशक से पहले वाले विंटेज नंबरों को 31 मार्च तक सरेंडर करने के आदेश जारी किए थे, मगर निर्धारित डेडलाइन निकलने के बावजूद अब तक महज 5 लोगों ने ही नंबर सरेंडर किए हैं। जालंधर में 10 से 11 हजार विंटेज नंबर लगी प्लेटों के वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सरकार का आदेश मिलते ही इन वाहन मालिकों को नोटिस भेजे जाएंगे और इन्हें जब्त किया जाएगा। इसके बाद यदि ये वाहन सड़कों पर दौड़ते मिले तो इन्हें सीज करने की कार्रवाई होगी। ऐसे वाहन चालकों को नया नंबर लेने के समय किसी प्रकार की छूट भी नहीं मिलेगी। इन सबके बीच यदि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने विंटेज नंबर जब्त कर नए नंबरों की रजिस्ट्रेशन में कोई राहत नहीं दी तो 92 करोड़ से अधिक रुपए लोगों की जेब से निकलकर सरकार के खाते में चले जाएंगे।

बड़ी बात यह है कि विंटेज नंबर वाले ज्यादातर वाहन सरकारी अधिकारियों, राजनीतिक लोगों या फिर रसूखदारों के हैं। ऐसे में विभागीय अधिकारी और कर्मचारी उन पर हाथ डालने से कतरा रहे हैं। विंटेज नंबर के अलॉटमेंट में खेल करने वाला रैकेट वाहनों के नंबर और उनके ऑनर्स का नाम लेकर उनके घर पहुंचता और पुराने वाहनों के नंबर लेने के नाम पर उन लोगों को 10 से 20 हजार देकर सादे कागज पर साइन कराते हैं, ताकि अगर कोई मामला सामने आए तो लोग

ऐसे होगी वाहन मालिकों की जेब ढीली
आमतौर पर 15 लाख तक के वाहन पर सरकार 10% तक रजिस्ट्रेशन फीस लेती है। यदि 8 हजार वाहन 10 से 12 लाख के बीच के रेट के हैं तो इनकी रजिस्ट्रेशन पर औसतन 85 करोड़ रुपए लोगों के खर्च होंगे। वहीं दो हजार अन्य वाहनों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 7 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने पड़ सकते हैं। यदि सरकार ने नंबर जब्त करके वाहनों के नए रजिस्ट्रेशन शुल्क में कोई राहत नहीं दी तो लोगों को बड़ा नुकसान होना तय है। इससे सरकार को करीब 92 करोड़ के राजस्व मिलेगा।

ये होते हैं विंटेज नंबर
1990 के पहले की जो गाड़ियां हैं, उनमें से ज्यादातर कंडम हो चुकी हैं या फिर चलने योग्य नहीं हैं। ऐसे वाहनों में पीएयू, पीएएक्स, पीबीयू, पीसीयू, पीसीआर, पीजेजे, पीएनओ सीरीज सबसे पसंदीदा हैं, जबकि 1, 2, 3 नंबर वीवीआईपी इन नंबरों को लेने के लिए लोग लाखों रुपए खर्च करते हैं। यही वजह है कि विंटेज नंबरों के अलॉटमेंट लाखों रुपए का खेल चलता रहा है।

आदेश का इंतजार
सेक्रेटरी, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बरजिंदर सिंह का कहना है कि लास्ट डेट तक उनके कार्यालय को केवल 5 वाहनों के नंबर सरेंडर करने के आवेदन मिले हैं। उनका कहना कि विभाग की ओर से कार्रवाई करने का आदेश मिलते ही लोगों को नोटिस भेजकर नंबरों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।