स्मार्ट सिटी जालंधर में अफसरों की लापरवाही फिर चर्चा में हैं। सोमवार को नगर निगम का पेट्रोल पंप फिर से ड्राई हो गया। जिस वजह से वर्कशॉप में आई गाड़ियों को तेल नहीं मिला। इसके चलते सोमवार सुबह शहर से कूड़ा नहीं उठा। कर्मचारियों का इससे आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने आरोप लगाया कि अफसर जानबूझकर ऐसा करते हैं ताकि उनके काम में कमी निकाल सफाई व्यवस्था को भी प्राइवेट हाथों में दे सकें।
कर्मचारी यूनियन के प्रधान देवानंद ने कहा कि कर्मचारी सुबह 9 बजे ही यहां पहुंच गए थे लेकिन पेट्राेल पंप में तेल ही नहीं है। कई बार इस तरह की समस्या हो चुकी है, लेकिन अफसर ध्यान नहीं दे रहे। गाड़ियों को तेल डलवाकर तुरंत कूड़ा लिफ्टिंग के लिए जाना होता है, लेकिन यहां तेल ही नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि अफसर जानबूझकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि सफाई न होने का ठीकरा कर्मचारियों के सिर पर फोड़कर इसे भी प्राइवेट लोगों को दे दिया जाए। कमी अफसरों के स्तर पर है, लेकिन सफाई न होने से लोगों के गुस्से का शिकार कर्मचारियों को होना पड़ रहा है।
अफसर चैक देरी से देते हैं, हर सोमवार यही हाल: पंप इंचार्ज
पेट्रोल पंप के इंचार्ज ने भी कहा कि हर सोमवार को इस तरह की दिक्कत आती है। उन्होंने कहा कि अफसर आगे सही समय पर चैक नहीं देते, जिस वजह से तेल की सप्लाई रुक जाती है। वह कई बार अफसरों के आगे मामला उठा चुके हैं लेकिन कोई इसे गंभीरता से नहीं लेता।
टायरों की समस्या भी पूरी हल नहीं
कर्मचारियों के मुताबिक कुछ समय पहले उन्हें घटिया टायरों के चलते रोष प्रदर्शन करना पड़ा था। इसके बाद कुछ टायर भेजे गए लेकिन उसके बाद फिर से सब ठप हो गया। कर्मचारियों को इन टायरों की वजह से जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ता है। इनकी हालत इतनी बुरी हो चुकी है कि वो कभी भी फट सकते हैं।