होशियारपुर रोड पर स्थित शराब का गोदाम जहां हो रहा है शराब की दुकान का संचालन एवं शराब खरीदोफरोक
लाइसेन्स पर दुकान से तो ठीक, पर बिना लाइसेन्स गोदाम से बेझिझक की जा रही है शराब की खुदरा बिक्री
गोदामनुमा शराब के ठेके में ना किसी ठेकेदार का नाम लिखा है और ना किसी एल वन का बोर्ड- एक्साइज डिपार्टमेंट की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में
जालंधर, 6 सितंबर (दीपक)-आबकारी विभाग की कथित लापरवाही के चलते होशियारपुर रोड पर स्थित एक शराब कारोबारी स्टॉक के लिए बने अवैध गोदामनुमा ठेके से सीधे ही शराब की धड़ल्ले से सप्लाई की जा रही है। दिलचस्प बात तो यह है कि यह शराब का गोदाम हाईवे पर चल रहा है। लाइसेंसधारी शराब विक्रेता ने इसका सीधा लाभ उठाने के लिए उक्त एरिये में जहां शराब की दुकान चलती थी, उस दुकान को शराब का गोदाम बता रखा है। विभाग के नियमानुसार जिस स्थान पर शराब का गोदाम होता है, वहां से शराब की सीधे खुदरा बिक्री नहीं हो सकती। मगर आबकारी विभाग की मेहरबानी है लाइसेंसधारी शराब विक्रेता एक ही लाइसेंस की आड़ में दो स्थानों पर शराब की धड़ल्ले से बिक्री कर रहा है। शराब विक्रेता ने जिस दुकान को शराब का स्टॉक रखने का गोदाम बता रखा है, उसी दुकान से शराब की अवैध रूप से खुदरा बिक्री की जा रही है।
यह जानकारी आबकारी विभाग में होने के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना विभाग एवं शराब विक्रेता के बीच मिलीभगत होना दर्शाता है। आबकारी विभाग ने शराब विक्रेता को गोदाम से दुकान का संचालन करने की खुली छूट दे रखी है।इस जे बदले में उन से मोटी रकम से जेब गर्म की जा रही है। सोचने वाली बात है कि मेन सड़क के उपर एक दुकान में भारी मात्रा में शराब की पेटीयां डंप की हुई है। पंजाब सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक व एक्साइज विभाग की पालिसी के मुताबिक ना तो उस शराब की गोदामनुमा दुकान पर किसी शराब के ठेकेदार का नाम और ना ही एल-1,एल 2 व एक्साइज विभाग द्वारा कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है। जहां से रोज सैकड़ों की तादाद में शराब गाड़ीयों में भर कर इधर-उधर शराब के छोटे छोटे खोले गए अवैध तरीके से ब्रांचों पर माल बेचने के लिए खुले आम भेज दिया जाता है उस के कोई भी परमिट भी नही होते । पिछले कई दिनों से वहां से गुजरने वाले लोग इतनी बड़ी मात्रा में पड़ी शराब को देखकर हैरान हो रहे हैं और कुछ लोग तो वहां बैठे करिंदों से शराब का रेट और पेटीयों का रेट पूछ रहे हैं।इसके बावजूद भी शराब डंप करने वाले व गोदाम बनाने वाले ठेकेदार को किसी की परवाह नहीं है ना ही उसे पुलिस प्रशासन न ही एक्साइज विभाग का डर है। सरेआम इतनी बड़ी मात्रा में शराब डंप कर बेची जा रही है जो सवालों के घेरे में है। क्या यह शराब दो नंबर की है जां बिना बिल के होलसेल दो नंबरीयों को बेची जा रही है। उक्त मामले में जब एक्साइज विभाग के इंस्पेक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा गोदाम लेने की प्रक्रिया चालू है जब उससे पूछा कि इसके ऊपर ना किसी कंपनी का या ना ठेकेदार का बोर्ड लगा है तो इंस्पेक्टर द्वारा कोई उचित जवाब नहीं दिया गया ।