अमृतसर: पोल्ट्री फार्म में प्रयोग होने वाली फीड की कीमतों में भारी वृद्धि के बावजूद भी मार्कीट में चिकन की कीमत में कोई वृद्धि नहीं हुई जिसके कारण पोल्ट्री फार्म के मालिकों की मुश्किलें बढ़ गई है। मार्कीट से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले 3 वर्ष से लेकर अब तक फीड की कीमत दोगुनी बढ़ चुकी है। पहले मक्की की कीमत 20-25 रुपए प्रति किलो थी, जो अब 40 का आंकड़ा पार कर चुकी है।
उधर पोल्ट्री फीड में सोया, बाजरे की कीमतों में 2-3 वर्षों में लगभग 1.5 गुणा वृद्धि दर्ज की गई है। इसके बावजूद पोल्ट्री फार्म द्वारा सप्लाई किया जा रहा बर्ड (पक्षी) के रूप में चिकन मात्र 5 से 10 फीसद की वृद्धि हुई है, जिसके कारण अमृतसर का पोल्ट्री फार्म उद्योग संकट की स्थिति में पहुंच रहा है। हालत यह आ चुके हैं कि अब जिला अमृतसर में कुल 20 से 25 पोल्ट्री फार्मरज कार्यरत है जबकि पिछले वर्षों में 100 से अधिक थे। पोल्ट्री उद्योग के मुताबिक 3 वर्ष पहले भी पोल्ट्री फार्म के द्वारा सप्लाई किया गया बर्ड के रूप में चिकन 90 रुपए प्रति किलो था, जो आज भी मात्र 98 रुपए प्रति किलोग्राम में है। सर्दियों में अधिक मांग होने के बावजूद भी यह 5 अथवा 6 रुपए प्रति किलो के उतार-चढ़ाव पर थोक में बिकता है। इसमें 35 प्रतिशत पंखों अथवा अन्य चीजों की वेस्टेज लगा ली जाए तो ड्रेसड चिकन 135 रुपए प्रति किलो के हिसाब में पड़ता है, जो आगे चल कर ग्राहक के हाथ में पहुंचते-पहुंचते अलग तौर पर मार्केट की कीमत ले जाता है लेकिन पोल्ट्री के रेट में फार्मर को कुछ अधिक मुनाफा नहीं मिलता।